सपा प्रमुख अखिलेश यादव सोमवार को बाहुबली विधायक रमाकांत यादव से मिलने आजमगढ़ जेल पहुंचे। उन्होंने रमाकांत से करीब एक घंटे तक जेल में बात की। इसके बाद अखिलेश बाहर निकले और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। मीडिया से बातचीत में रमाकांत पर दर्ज मुकदमे पर उन्होंने कहा, ”भाजपा सरकार में सपा नेताओं को चुन-चुन कर जेल भेजा जा रहा है। रमाकांत को फंसाया गया है। भाजपा अच्छे काम को स्वीकार नहीं कर पा रही है। मुझे आजमगढ़ की जनता पर पूरा भरोसा है।”
आजमगढ़ उपचुनाव में हार के बाद अखिलेश का यह पहला दौरा था। इससे पहले वह 17 मई को सपा के पूर्व विधायक श्याम बहादुर यादव की मां के देहांत पर यहां आए थे। अखिलेश के इस दौरे को 2024 लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
बड़ा सवाल- क्या इस दौरे से फिर आजमगढ़ में सक्रिय होने जा रहे अखिलेश
अखिलेश आजमगढ़ से सांसद रहे हैं। यहां हुए लोकसभा उप-चुनाव में वह प्रचार तक करने नहीं आए थे। जबकि उनके चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव सपा से प्रत्याशी थे। सपा को अपने ही गढ़ में हार का सामना करना पड़ा। ऐसा माना जा रहा है कि इस सियासी दौरे के जरिए अखिलेश फिर आजमगढ़ में सक्रिय होने जा रहे हैं।
यहां के मुस्लिम-यादव का मिजाज दूसरे जिलों से अलग
आजमगढ़ में मुस्लिम, यादव और अनुसूचित जाति का मिजाज पूर्वांचल के दूसरे जिलों से थोड़ा अलग है। अब भाजपा से दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ यहां के सांसद हैं। MLC चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी। बसपा के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ट्विटर पर बसपा को मजबूत करने में दिन-रात एक किए हुए हैं। इन हालात में अपने ही गढ़ में मजबूती के लिए रमाकांत यादव अहम साबित हो सकते हैं। विधायक रमाकांत, मुस्लिम और यादवों के बीच पॉपुलर हैं।
भाजपा लगातार खुद को मजबूत कर रही
भाजपा लोकसभा उप-चुनाव में ही शिवपाल यादव के खास राम दर्शन यादव को तोड़ चुकी है। तिरंगा यात्रा में एक अनुमान है कि करीब ढाई हजार यादव शामिल हुए। हाल में सीएम योगी आदित्यनाथ अपने दौरे में 143 करोड़ से डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट आजमगढ़ को दे गए हैं।
अखिलेश का प्रोग्राम 3 बार बदला
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का आजमगढ़ आने का प्रोग्राम 3 बार बदला है। पहले वह 20 अगस्त को आ रहे थे। अचानक कार्यक्रम में बदलाव हुआ और 21 अगस्त को आने का प्रोग्राम बना। फिर नए प्रोटोकॉल में 23 अगस्त को आना फाइनल हो गया।
जेल में अखिलेश की इस मुलाकात के 3 बड़े मायने
1- पूर्वांचल के कई जिलों में यादव वोटर्स पर रमाकांत यादव की मजबूत पकड़ है। अखिलेश उनके बहाने पूर्वांचल के यादवों को संदेश देना चाहते हैं।
2- अखिलेश पर पार्टी नेताओं के साथ खड़े नहीं होने के आरोप लगते रहे हैं। वह इस छवि को बदलना चाहते हैं। एक तरफ अखिलेश ने रमाकांत से मुलाकात की। उसी वक्त सपा का एक डेलिगेशन आजम खान पर दर्ज नए मुकदमों को लेकर DGP से मिलने पहुंचा।
3- 2024 में पूर्वांचल पर अखिलेश की नजर है। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल के 10 जिलों की 61 सीटों में से सपा गठबंधन ने 31 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि 2017 में पार्टी यहां 12 सीटों पर सिमट गई थी।
रमाकांत यादव का पॉलिटिकल कॅरियर 1985 : राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। 1985 : कांग्रेस के टिकट पर पहली बार विधानसभा चुनाव जीते। 1991 : समाजवादी जनता पार्टी से तीसरी बार विधानसभा का चुनाव जीते। 1993 : सपा के टिकट पर चौथी बार विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे। 1996 : पहली बार सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीते। 1999 : सपा के सिंबल पर लोकसभा पहुंचने में कामयाब रहे। 2004 : बसपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचने में कामयाब रहे। 2009 : भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते। 2014 : लोकसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव से हार गए। 2019 : भाजपा से टिकट नहीं मिला। कांग्रेस के टिकट पर भदोही से लोकसभा से चुनाव लड़े। 2022 : विधानसभा चुनाव में पांचवी बार विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे।
विवादों से रहा है रमाकांत यादव का पुराना नाता
आजमगढ़ की फूलपुर पवई से निर्वाचित सपा विधायक रमाकांत यादव का विवादों से पुराना नाता रहा है। पिछली होली पर ही उन्होंने कहा था, ‘‘मैं खुद होली नहीं मनाता हूं। लोगों को भी होली मनाने से मना करता हूं। होली हम लोगों का त्योहार नहीं है। 14 अप्रैल बाबा साहेब का जन्मदिन आ रहा है। सभी लोग डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती मनाएं और उनके बताए रास्ते पर चलें।’’
- इससे पहले रमाकांत यादव ने कलाई पर बंधा रक्षासूत्र कटवा दिया था। कहा था कि हम लोग शूद्र हैं।
- 2 साल पहले पूरे देश में कोरोना की आहट शुरू हुई थी। उस समय कहा था कि कहां है कोरोना? हमारे पास आ जाए, हम गले लगा लें।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान ‘’जिस गाड़ी में सपा का झंडा उसमें बैठा है कोई बड़ा गुंडा’’ पर भी उन्होंने निशाना साधा था। कहा था, ‘जिस गाड़ी में भाजपा की झंडी, वह है देश का सबसे बड़ा पाखंडी।’’ रमाकांत यादव ने योगी-मोदी को झूठा बताया था।
- रमाकांत यादव ने चकवल काउंटिंग स्थल पर लाठी लेकर समर्थकों के साथ डेरा डाल दिया था। कहा था कि सरकार बेईमानी पर उतारू है। जब तक सभी सीटों का सर्टिफिकेट न मिल जाए, काउंटिंग स्थल पर डटे रहें। चाहे दिन रहे या रात हो जाए।