जयपुर में रविवार रात चांदी के कड़े चुराने के लिए 108 साल की महिला के दोनों पैर काट दिए गए। दो दिन के असहनीय दर्द के बाद बुजुर्ग जमुना देवी ने मंगलवार को दम तोड़ दिया। पुलिस ने हत्यारे प्रकाश प्रजापत को गिरफ्तार कर लिया है। प्रजापत पहले जमुना देवी के घर किरायेदार रहता था।
रविवार रात जयपुर में घटी इस घटना के बारे में जिसने भी सुना सिहर उठा । कितना खौफनाक था वो मंजर…।
मन में एक ही सवाल था- उम्र के जिस पड़ाव में जब मामूली जख्म भी नहीं भरता, वहां जमुना देवी ने 2 दिन तक उस भयानक पीड़ा कैसे बर्दाश्त की होगी?
इस सवाल का जवाब जानने के उन दो लोगों से बात की गयी, जो अंतिम समय में उनके साथ थे। इलाज करने वाले डॉक्टर अचल शर्मा और जमुना देवी की दोहिती ममता मीणा । दोनों ने नम आंखों से और सुबकते हुए जो कुछ भी बताया, वो रुला देने वाला था।
दोहिती बोली- नानी खून में लथपथ थीं, समझ नहीं आया क्या करूं
‘मैं पिछले रविवार को सुबह 6 बजे उठी, सबसे पहले नानी को देखा। नानी बिस्तर पर नहीं दिखी। मैंने सोचा शायद बाहर बैठी होंगी। उनसे चला नहीं जाता, फिर भी जैसे-तैसे उठ कर चली गई होगी। जब मैं बाथरूम के पास गई तो जो देखा उससे हाथ पैर सुन्न हो गए। नानी खून में लथपथ तड़प रही है। फर्श पर कटे हुए पैर थे।’
‘मैं जोर-जोर से रोने लगी। जैसे-तैसे चीख-चीखकर मम्मी को बुलाया। मम्मी भी दौड़ी-दौड़ी आई। नानी को इस हाल में देखकर वे भी बेसुध हो गईं। कुछ भी समझ नहीं आ रहा था । किराएदार को आवाजें लगाईं। एक बार को तो किराएदार के भी होश उड़ गए, लेकिन उसने हिम्मत दिखाई। उसने नानी को गोद में उठाया और कमरे में लेकर आया।
डॉक्टर बोले- ऐसा अपराध देखकर कोई भी सिहर जाए
‘अस्पताल में था, जब पता चला कि कड़े निकालने के लिए 108 साल की बुजुर्ग महिला के पैर काट दिए गए हैं। मैं ट्रॉमा सेक्शन की ओर दौड़ा। बुजुर्ग वैसे ही नहीं बोल पाती थी और इस कंडीशन में तो उनके शरीर में तड़पने लायक जान तक नहीं बची थी’ ।
‘जिस किसी को मामूली चोट भी लगती तो उसे दर्द होता है, इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि जमुना देवी ने कितना असहनीय दर्द सहा होगा। वो बेचारी तो इतनी कमजोर थी कि चिल्ला भी नहीं पाईं।’
‘जमुना देवी होश में थीं। ऊंचा सुनती थी, लेकिन इलाज के संबंध में जब बात की, तो इशारे में जवाब भी दिया। मुझे दोहिती मिली, वो तो बोलने तक की कंडीशन में नहीं थी। उसके आंसू नहीं रुक रहे थे, वो तो बस इतना बोली कि नानी कुछ नहीं बोल पाती।’
‘शर्मनाक है कि एक महिला जो मां या दादी की उम्र की है, उसकी जिंदगी के बजाय उसके कड़ों को देखा जा रहा है। मुझे बहुत दुख हो रहा था और लग रहा था कि समाज में कैसी गिरावट आ गई है कि चंद पैसों के लिए लोग ऐसा भी कर सकते है।
अपने पैरों का कर्ज चुकाने के लिए काटे जमुना के पैर
जमुना देवी के दोनों पैर काटकर चांदी के कड़े और लॉकेट ले जाने वाला व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि उनका पुराना किराएदार ही था। मंगलवार को किरायेदार प्रकाश प्रजापत पुलिस की गिरफ्त में आ गया। आरोपी जमवारामगढ़ क्षेत्र में रहने वाला प्रकाश प्रजापत है।
पूछताछ में हत्या करने वाले आरोपी प्रकाश प्रजापत ने बताया- कुछ साल पहले उसका सड़क दुर्घटना में पैर टूट गया था। 4 लाख का खर्चा हुआ। इसके बाद वह इस कर्ज को चुका नहीं पा रहा था। आए दिन पैसे मांगने वाले उसके घर आते थे। इस पर उसने महिला को मारने और लूटने का प्लान बनाया।
नजदीक किराए से रह रहा था प्रकाश, ऐसे पहुंची पुलिस
प्रकाश प्रजापत पहले जमुना देवी के घर पर किराए से रहता था। घर में हुए एक विवाद के बाद उससे मकान खाली करवा लिया गया था। इसके बाद प्रकाश प्रजापत आसपास की कॉलोनी में मकान किराए पर लेकर रहने लगा। पुलिस ने घटना के बाद जांच शुरू की तो प्रकाश की स्कूटी सीसीटीवी में दिख गई थी। इस स्कूटी के आधार पर पुलिस आरोपी तक पहुंची।
ये कड़े ही बनेंगे जमुना देवी की निशानी
प्रकाश घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर रहता था। लूटे गए कड़े बरामद कर लिए गए हैं। परिजनों का कहना है कि जमुना देवी तो गई, अब ये कड़े ही उसकी निशानी हैं। पुलिस के अनुसार इस मुकदमे को केस ऑफिसर स्कीम में रखकर जांच की जाएगी, ताकि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।
जमुना के अंजाम का जमवारामगढ़ कनेक्शन
मुना देवी के मामले ने एक वर्ष पहले जयपुर के नजदीक जमवारामगढ़ कस्बे में घटी चर्चित घटना की याद दिला दी। एक वर्ष पहले जमवारामगढ़ में एक बुजुर्ग गीता देवी के कुल्हाड़ी से पैर काटकर चांदी के कड़े लूटे गए थे। आरोपी प्रकाश भी जमवारामगढ़ क्षेत्र का रहने वाला है। पुलिस का मानना है कि प्रकाश एक वर्ष पहले की उसी घटना से ही प्रेरित हुआ है। उस समय वह घटना काफी चर्चित रही थी।
ऑनलाइन गेमिंग से उधार, 700 से हुई थी पूछताछ
जमवारामगढ़ में 19 अक्टूबर 2021 को खेतों में पशु चराने गई महिला के सिर और गर्दन पर धारदार हथियार से वार किए गए थे और पैर काटकर कड़े निकाले गए थे। महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी और आरोपी फरार हो गए थे।
स्पेशल टीम गठित की गई और 700 लोगों से कड़ी पूछताछ की गई थी। फिर भी सफलता नहीं मिल रही थी। तब पुलिस की स्पेशल टीम ने संदिग्धों की सूची बनाई और उस पर नजर रखने काम किया। एक संदिग्ध पवन कुमार का नाम सामने आया, जो महिला के गांव का ही था और उसे जानता भी था। इसलिए किसी को भी शक नहीं हुआ।
पता चला कि पवन को आनलाइन मोबाइल गेमिंग की लत है और गेमिंग में रुपए हारने के कारण उस पर उधार तक चढ़ गया था। इसके चलते उसने वारदात की। पवन से पूछताछ के बाद पुलिस ने कड़े खरीदने वाले सूरजमल, विष्णु, उपदेश उर्फ सोनू और दिनेश बेरवा को गिरफ्तार किया।
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