समाज कल्याण विभाग की शादी अनुदान योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। शुरुआती जांच में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि होने के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। जिलाधिकारी की मध्यस्थता के बाद जांच रिपोर्ट निदेशालय भेज दी गई है। जांच शुरू होने के बाद 4 लाभार्थियों ने शादी अनुदान के तौर पर मिली धनराशि वापस कर दी है, जबकि अब प्रशासन ने सभी खाताधारकों के खातों को खाने का निर्णय लिया है। इस जांच में कई और भी फंस सकते हैं।
10 लाभार्थियों को दो बार राशि देने की हुई थी शिकायत
शादी अनुदान योजना के तहत 10 ऐसे लाभार्थी मिले हैं, जिनको दो बार धनराशि दी गई है। इसकी शिकायत की गई थी इसके अलावा नियम विरुद्ध अल्पसंख्यक वर्ग को भी सामान्य दिखाते हुए योजना का लाभ दिया गया है। उप निदेशक समाज कल्याण की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने इस मामले की जांच की है। जांच में सभी आरोप सही पाए गए हैं। जांच शुरू होने के बाद गलत तरीके से लाभ लेने वाले 4 लाभार्थियों पैसा वापस कर दिया है।
सभी लाभार्थियों के खंगाले जा रहे दस्तावेज
मुख्य विकास अधिकारी शिपू गिरी ने बताया कि जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद अब सभी लाभार्थियों के खातों को खंगाला जा रहा है। यह देखने की कोशिश की जा रही है कि कितने लोगों को गलत तरीके से या दो बार धनराशि आवंटित कर दी गई है। कई लोगों को आवेदन के अगले वित्तीय वर्ष में लाद दिए जाने की भी शिकायत की गई थी। निदेशालय को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
51 हजार मिलती है धनराशि
शादी अनुदान योजना के तहत पंजीकरण होने के बाद दंपत्ति को अपनी बेटी के विवाह के शगुन के तोर पर 51 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। कन्या विवाह अनुदान योजना का लाभ / धन राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है। इस योजना का लाभ पाने के लिए लड़की की विवाह की आयु 18 वर्ष और लड़के की आयु कम से काम 21 वर्ष निर्धारित की गयी है।
कोरांव करछना आश्रम पद्धति विद्यालय पहुंची एसआईटी
समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित आश्रम पद्धति बालिका विद्यालयों में अनियमितता की जांच एसआईटी कर रही है । इसी कड़ी में बुधवार को और कोरांव और करछना आश्रम पद्धति बालिका विद्यालयों में एसआईटी की टीम ने पहुंचकर छानबीन की। टीम के सदस्यों ने दस्तावेजों की जांच की और कई महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए हैं। करछना, कौढ़िहार, शंकरगढ़ और कोरांव में आश्रम पद्धति विद्यालय स्थापित हैं। 2018 से लेकर 2022 के बीच में इन विद्यालयों में वित्तीय अनियमितता की शिकायत की गई है। 3 विद्यालयों में नियम विरुद्ध पुस्तकालय अध्यक्षों को अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपने की भी शिकायत है। विभागीय जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद एसआईटी का गठन किया गया है।
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