उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में तीन महीना पहले एक किशोरी से दुष्कर्म के आरोप में नामजद दो आरोपितों का नाम मुकदमे से हटाने को दो लाख की रिश्वत लेने के आरोप में सौरिख थाने के इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया। सीओ से जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने यह कार्रवाई की है।
मामला तीन महीने पहले सौरिख थाने में किशोरी से दुष्कर्म का है। बताया जा रहा कि किशोरी के बयान के आधार पर तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। उनमें से दो ने खुद को फंसाने की बात कही थी। अपने पक्ष में पुलिस को सीसीटीवी फुटेज सहित कई साक्ष्य दिए थे।
बाद में पुलिस की जांच में पाया गया था कि जिन तीन लोगों पर मुकदमा है, उसमें पहले नंबर के आरोपित ने ही वारदात की है। बाकी दोनों आरोपित के खिलाफ कोई सुबूत नहीं पाया गया। ऐसे में मुख्य आरोपित को जेल भेज दिया गया। बाकी दोनों ने विवेचना से अपना नाम हटवाने की गुहार लगाई थी। आरोप है कि नाम हटवाने के बदले इंस्पेक्टर ने दो लाख की रिश्वत ली। शिकायत हुई तो एसपी ने जांच करवाई, जो सही मिली।
एसपी कुंवर अनुपम सिंह के मुताबिक, जिन दो लोगों पर आरोप सही नहीं पाए गए, उनका नाम विवेचना से हटाने के लिए सौरिख थाना प्रभारी निरीक्षक मदनगोपाल गुप्ता पर दो लाख की रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। सीओ से जांच कराई गई तो रिश्वत लेने की बात सही पाई गई। उसी के आधार पर कार्रवाई की गई है। विभागीय जांच की जा रही है।
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