लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शु्क्रवार को लखनऊ पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सीएम योगी ने शोक परेड की सलामी लेते हुए 263 पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों के जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि सीएम योगी की प्रेरणा और सरकार के सहयोग से यूपी पुलिस के डीएनए में परिवर्तन हुआ है।
यूपी पुलिस का इतिहास सौर्य और समर्पण का- डीएस चौहान
डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस का इतिहास भी सौर्य और समर्पण का इतिहास है। उन्होंने कहा यूपी पुलिस ने प्रदेश को माफिया, डकैत और संगठित अपराध से मुक्त करते हुए एक सुरक्षित व समृद्धि समाज का निर्माण कर जनता में सरकार का विश्वास कायम किया है। डीजीपी ने कहा बीते साढ़े पांच वर्षों में सीएम योगी की प्रेरणा से उनके अमूल निर्देशन और यूपी सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश पुलिस के डीएनए में परिवर्तन हुआ है।
सीएम योगी ने की यूपी पुलिस की तारीफ
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने पुलिसकर्मियों को लेकर कई ऐलान भी किये। पुलिसकर्मियों को अब साइकिल भत्ते की जगह मोटरसाइकिल भत्ता देने की बात कही गई है। साथ ही पांच लाख रुपए तक के मेडिकल खर्च को डीजीपी द्वारा स्वीकृत किए जाने का भी ऐलान किया गया है। सीएम ने इस मौके पर यूपी पुलिस की भी जमकर तारीफ की। सीएम ने कहा कि यूपी पुलिस ने मुश्किल परिस्थितियों में भी प्रदेश की कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने का काम किया है। अपराध पर रोक लगाने के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
माफिया व गैंगस्टर का प्रदेश से सफाया हुआ- डीजीपी
डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि यूपी पुलिस ने साढ़े पांच वर्षों में साम्प्रदायिक व जातीय हिंसा से मुक्त रहा है। साथ ही अपराधी के खिलाफ जीरो टोलरेंस के फलस्वरूप माफिया व गैंगस्टर का प्रदेश से सफाया हुआ है। वहीं सीएम ने मुठभेड़ में शहीद जवान की सहायता राशि को 25 लाख से बढाकर 50 लाख व मुठभेड़ में घायल जवान के कोमा में जाने पर असाधारण पेंशन अनुमन्य करते हुए एक ऐतिहासिक पहल की है। इसलिए डीजीपी यूपी ने सीएम योगी का आभार भी व्यक्त किया।
21 अक्टूबर को मनाया जाता हैं पुलिस स्मृति दिवस
कार्यक्रम के दौरान डीजीपी डीएस चौहान ने बताया कि वीरों की वीर गाथा हमेशा जनमानस को प्रेरणा देती हैं। ऐसे ही प्रेरणादायी इतिहास 63 वर्ष पहले का है। जब 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक टुकड़ी देश की सुरक्षा सीमाओं पर लगी थी, अचानक शत्रुओं ने उन्हें घेर लिया था। लेकिन हमारे 10 जवानों ने अपने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय देते हुए, मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। इन वीर सपूतों की याद में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।
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