देवी दयाल रावत – प्रभारी तहसील कोंच
क्षेत्र व नगर में कई स्थानों पर किया गया दीवाली नृत्य का आयोजन।
कोंच। विध्य पर्वत मालाओं से गिरा बुंदेलखंड वैसे तो तमाम आभावों बदहाली और विकास की किरणों से दूर होने के लिए जाना जाता है लेकिन इसकी एक समृद्ध लोक संस्कृति व लोक कला है जो इस अंचल को औरों की पांत से अलग खड़ा करती हैहालांकि यहां के लोग जीवन से भी अब आधुनिकता और पाश्चात्य सभ्यता का रंग धीरे धीरे चढ़ रहा है लेकिन इस संक्रमण के बावजूद पुरानी पीढ़ी अपनी लोक परंपराओं और संस्कृति का संरक्षण करने में जुटी है दिवाली गीत दिवाली नृत्य भी ऐसी ही संस्कृति विरासत है जैसे तीसरी पीढ़ी के लोग नई पीढ़ी को सौंपने की सार्थक कोशिश में लगे प्रकाश के महापर्व दीपावली के अगले दिन प्रतिपदा के दिन दीवाली नृत्य करने वाले मोनिया पुराने जमाने में प्रायः हर गली और नुक्कड़ पर नृत्य करते हुए देखे जाते थे, लेकिन वर्तमान समय में यह सब अब सीमित होता जा रहा है दिवाली गीत व नृत्य मूलतः चरागाही संस्कृति के गीत हैं यही कारण है कि इन गीतों में यथार्थ मिलता है फिर चाहे वह सामाजिकता हो या धार्मिकता अथवा श्रंगार जीवन का दर्शन वह गीत जिसमें सिर्फ जीवन की वास्तविकता के रंग हैं बनावटी दुनिया से दूर सिर्फ चरागाही संस्कृति का प्रतिबिंब ओज से परिपूर्ण इन गीतों में विभिन्न रसों की अभिव्यक्ति मिलती है दिवाली नृत्य के तहत मोनिया मौन व्रत रखकर गांव-गांव ,नगर-नगर घूमते हैं दिवाली पूजन के उपरांत मध्य रात्रि में मोनिया व्रत आरंभ हो जाता है मोनिया तालाब ,नदी में स्नान कर सज धज कर मौन व्रत रखते हैं, इसी कारण इन्हें मोनिया कहा जाता है द्वापर युग से यह परंपरा चली आ रही है इसमें विपत्तियों को दूर करने के लिए मोनिया मौन रहने का कठिन व्रत रखते हैं मौन व्रत में मांस व मदिरा सहित अन्य सभी का सेवन वर्जित रहता है 12 वर्ष व्रत रखने के उपरांत 13 वर्ष में मथुरा वृंदावन जाकर यमुना नदी के तट पर पूजन कर कर व्रत का उद्यापन किया जाता है इस वर्ष भी नगर के गांधीनगर निवासी मोनिया कलू कुशवाहा, बल्लू कुशवाहा,बल्ले चौहान,विहारी चौहान, प्रभुदयाल कुशवाहा, पप्पू कुशवाहा, आदि ने नरसिंह मंदिर चंदकुआ के समीप स्थित प्राचीन कारस देव बाबा के स्थान से दिवाली गीत गाकर नृत्य किया जिसके बाद भूतेश्वर मंदिर सहित नगर के अनेक मंदिरों पर दिवाली नृत्य किया दिवाली गीत सुनने व नृत्य देखने के लिए लोगों की भारी मात्रा में भीड़ लगी रही वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी दिवाली नृत्य की धूम नजर आई जहां पर मौनियाओ ने दीवाली नृत्य गाकर दर्शकों का मन मोह लिया क्षेत्र में कई स्थानों पर दिवाली नृत्य का आयोजन किया गया जहां पर लोगों की भीड़ लगी रही।
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