इस्लामी तालीम के लिए विश्व में अपनी पहचान रखने वाले दारुल उलूम ने यूपी के मदरसों के सम्मेलन के बाद अब देशभर के मदरसों का एक दिवसीय सम्मेलन रविवार को आयोजित किया है। रशीदिया मस्जिद में आयोजित सम्मेलन में देशभर से दारुल उलूम में साढ़े चार हजार मदरसों के संचालक भाग लेंगे।
दारुल उलूम द्वारा कुल हिंद राब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया के तत्वावधान में रविवार को मस्जिद-ए-रशीद में एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन होगा। इसमें मदरसों के संचालन में आ रही दिक्कतों और इस्लामी शिक्षा के निसाब (कोर्स) में सुधार को लेकर मंथन होता है।
मगर इस बार का यह सम्मेलन इसलिए अलग होगा, क्योंकि इसमें आधुनिक शिक्षा को कोर्स में लेने पर विचार-विमर्श किया जा सकता है। दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने बताया कि कुल हिंद-राबता-ए-मदारिस-ए-इस्लामिया का सम्मेलन प्रत्येक वर्ष होता रहा है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में मदरसों के संचालन में सुधार और शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी पर चर्चा होती है। शनिवार देर शाम कुल हिंद-राबता-ए-मदारिस-ए-इस्लामिया की वर्किंग कमेटी की बैठक होगी। जिसमें एजेंडा तैयार कर सम्मेलन में आए मदरसा प्रबंधकों से चर्चा कर अंतिम मोहर लगवाई जाएगी।
दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने बताया कि कुल हिंद राबता मदारिस ए इस्लामिया का सम्मेलन समय-समय पर होता है। जिसमें मदरसों के संचालन में आने वाली परेशानियों को देखते हुए उनको दूर करने के उपाय बताए जाते हैं। साथ ही शिक्षा व्यवस्था व मदरसों की अन्य समस्याओं को लेकर मंथन होता है। इसमें वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा करने के साथ ही मदरसों की समस्याओं और शिक्षा की बेहतरी पर चर्चा होगी।
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