सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में बाबुओं की भर्ती में मनमानी पर रोक लगी तो प्रबंधकों ने पद खाली होने के बावजूद नियुक्ति से मुंह फेर लिया। प्रयागराज में ही 76 ब्वॉयज कॉलेजों में लिपिकों के सीधी भर्ती के 82 पद खाली हैं लेकिन प्रबंधकों ने मात्र 20 पर भर्ती की अनुमति मांगी है। बचे हुए 62 पदों पर नियुक्ति में प्रबंधक रुचि नहीं ले रहे। कई स्कूलों में दो-दो पद खाली हैं लेकिन एक पर भी नियुक्ति की अनुमति नहीं मांगी गई है। यही स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों में भी बनी हुई है। शिक्षा निदेशालय को 1621 रिक्त पदों की सूचना मिली थी लेकिन जो हालात हैं इसमें पांच सौ पद भी भरना मुश्किल लग रहा है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि नियुक्ति प्रक्रिया से प्रबंधकों को होने वाली लाखों रुपये की कमाई की गुंजाइश खत्म हो गई है। कुछ प्रबंधकों ने रिश्तेदारों की नियुक्ति का भरोसा दिलाया था लेकिन मनमानी नहीं कर पा रहे तो कुछ प्रबंधकों को लगता है कि भविष्य में नियमों में ढील मिलने पर मनमाफिक भर्ती कर लेंगे।
पहले प्रबंध समिति जिला विद्यालय निरीक्षकों के जरिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक से अनुमति लेकर बाबुओं के रिक्त पदों पर मनमानी नियुक्ति कर लेती थी। इसमें लाखों रुपये लेनदेन के आरोप लगते थे। इसके चलते सरकार ने 25 नवंबर 2021 को इंटरमीडिएट एक्ट 1921 में संशोधन करते हुए चयन प्रक्रिया का नये सिरे से निर्धारण कर दिया। नई नियमावली के अनुसार संबंधित विद्यालय के प्रबंधक की अध्यक्षता में चयन समिति गठित करने का प्रावधान है। इसमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रारंभिक अर्हता परीक्षा में 50 एवं अधिक पर्सेंटाइल प्राप्त करने वाले 18 से 40 आयु के अभ्यर्थियों से ही आवेदन लिया जाएगा। एक पद के सापेक्ष पीईटी मेरिट के आधार पर दस अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा। शासन की ओर से संशोधित समय सारिणी के अनुसार 16 जनवरी तक बाबुओं की चयन प्रक्रिया पूरी होनी है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
प्रयागराज के जिला विद्यालय निरीक्षक, पीएन सिंह का कहना है कि जिले के सहायता प्राप्त माध्यमिक बालक विद्यालयों में लिपिकों के 82 पद खाली हैं। इसके सापेक्ष 20 पदों पर नियुक्ति की अनुमति मांगी गई है।
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