समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान की सीट पर बीजेपी इस बार बड़ा खेल करने की तैयारी में है. बीजेपी ने इस सीट पर कोई मुस्लिम चेहरा उतारने की तैयारी में है. उधर, इस सीट पर समाजवादी पार्टी आजम खान द्वारा नामित प्रत्याशी को मैदान में उतार सकती है. आजम खान की यह परंपरागत सीट हाल ही में उनका निर्वाचन रद्द होने के बाद रिक्त हुई है. इस सीट पर पांच दिसंबर को मध्यावधि चुनाव होने हैं. इसी के साथ मुजफ्फर नगर की खतौली और मैनपुरी लोकसभा सीट पर भी मध्यावधि चुनाव होने हैं.
खतौली सीट से विधायक विक्रम सैनी को सजा सुनाए जाने के बाद से यह सीट रिक्त हैं. वहीं मैनपुरी की लोकसभा सीट सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन की वजह से रिक्त हुई है. समाजवादी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक मैनपुरी लोकसभा सीट पर तो कोई यादव परिवार का ही सदस्य मैदान में उतरने वाला है, लेकिन रामपुर विधानसभा सीट के लिए प्रत्याशी खुद आजम खान करेंगे. यह सीट आजम खान को कोर्ट ने सजा होने के बाद खाली हुई है. वहीं दूसरी ओर मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी और बीजेपी विधायक विक्रम सैनी को सजा होने की वजह से खतौली विधानसभा सीट रिक्त हो गई थी. इस सीट पर भी बीजेपी किसी ऐसे ही उम्मीदवार को उतार कर अपना कब्जा बनाए रखना चाहती है.
संभावित प्रत्याशियों के नाम मांगे
बीजेपी ने अपनी जिला इकाई से इन सभी सीटों के लिए संभावित प्रत्याशियों के नाम मांगे हैं. इसमें पार्टी ने यह शर्त रखी है कि प्रत्याशी हर हाल में चुनाव जीतने का दम रखने वाला होना चाहिए. जिला इकाइयों के इनपुट के बाद पार्टी हाईकमान इस संबंध में कोई फैसला करेगा. एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक रामपुर विधानसभा सीट के लिए पार्टी की ओर से प्रत्याशी का नाम लगभग तय भी है. यह प्रत्याशी माइनारिटी से हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के मुताबिक अभी भी पार्टी ने अन्य समुदाय के उम्मीदवारों के लिए विकल्प खुला रखा है.
खतौली सीट से विधायक विक्रम सैनी को सजा सुनाए जाने के बाद से यह सीट रिक्त हैं. वहीं मैनपुरी की लोकसभा सीट सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन की वजह से रिक्त हुई है. समाजवादी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक मैनपुरी लोकसभा सीट पर तो कोई यादव परिवार का ही सदस्य मैदान में उतरने वाला है, लेकिन रामपुर विधानसभा सीट के लिए प्रत्याशी खुद आजम खान करेंगे. यह सीट आजम खान को कोर्ट ने सजा होने के बाद खाली हुई है. वहीं दूसरी ओर मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी और बीजेपी विधायक विक्रम सैनी को सजा होने की वजह से खतौली विधानसभा सीट रिक्त हो गई थी. इस सीट पर भी बीजेपी किसी ऐसे ही उम्मीदवार को उतार कर अपना कब्जा बनाए रखना चाहती है.
संभावित प्रत्याशियों के नाम मांगे
बीजेपी ने अपनी जिला इकाई से इन सभी सीटों के लिए संभावित प्रत्याशियों के नाम मांगे हैं. इसमें पार्टी ने यह शर्त रखी है कि प्रत्याशी हर हाल में चुनाव जीतने का दम रखने वाला होना चाहिए. जिला इकाइयों के इनपुट के बाद पार्टी हाईकमान इस संबंध में कोई फैसला करेगा. एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक रामपुर विधानसभा सीट के लिए पार्टी की ओर से प्रत्याशी का नाम लगभग तय भी है. यह प्रत्याशी माइनारिटी से हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के मुताबिक अभी भी पार्टी ने अन्य समुदाय के उम्मीदवारों के लिए विकल्प खुला रखा है.
सक्सेना का नाम फिर चर्चा में
इस चुनाव में एक बार आकास सक्सेना का नाम चर्चा में है. वह 2022 के चुनाव में भी आजम के खिलाफ मैदान में थे, हालांकि वह चुनाव हार गए थे. उधर, मैनपुरी के चुनाव के लिए भी पार्टी की ओर से संभावित प्रत्याशी की तलाश है. पार्टी यहां से किसी ठाकुर या शाक्य कम्युनिटी के प्रत्याशी को उतारने की योजना पर काम कर रही है. दरअसल यहां एक लाख ठाकुर वोट है. वहीं शाक्यों की आबादी दो लाख से अधिक हैं. 2019 के चुनावों में बीजेपी ने यहां से प्रेम शाक्य पर दांव खेला था, लेकिन वह मुलायम सिंह यादव के सामने 90 हजार वोओं से हार गए थे. करीब 17 लाख वोटों वाले इस संसदीय सीट पर करीब चार लाख यादव मतदाता हैं. इसी प्रकार जाटव वोट की संख्या करीब सवा लाख बताई जा रही है. जबकि नान जाटव दलितों की संख्या करीब एक लाख है.