कानपुर में सपा के कद्दावर विधायक इरफान सोलंकी फरार हैं। मोबाइल स्विच ऑफ है। पुलिस टीमें उनकी तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही है। इरफान के साथ उनका भाई रिजवान भी फरार हैं। वजह है एक प्लाट। यह प्लाट बेबी नाज के परिवार का है। उनका कहना है कि कब्जा करने के लिए उनके प्लाट पर विधायक के भाई ने आग लगा दी। जाजमऊ थाने में दर्ज एफआईआर में इरफान और उनका भाई रिजवान आरोपी है।
बेबी नाज की आपबीती जानने के लिए दैनिक भास्कर ने उनसे बात की। वह कहती हैं, “आसान नहीं हैं, इतने ताकतवर लोगों से लड़ना। इस प्लाट के विवाद में मैं अपने पिता और दो भाइयों को खो चुकी हूं। विधायक और उसके भाई ने प्लाट को कब्जाने के लिए सारे हथकंडे अपनाए हैं। लेकिन, मैं आखिरी तक लड़ूंगीं।”
30 साल से चल रहा है संघर्ष मेरे पिता महरूम काजिद हुसैन ने साल 1986 में यह कॉर्नर का प्लाट अलॉट कराया था। इसके लिए उन्होंने KDA में एक चौथाई पैसा भी जमा कर दिया था। प्लाट अलॉट होने के बाद हम लोग अपने सपने का घर बनाने की सोच रहे थे। इसके लिए हम लोग अपनी कमाई की पाई-पाई जोड़ रहे थे। तभी तत्कालीन विधायक और इरफान सोलंकी के पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी की निगाह मेरे प्लाट पर पड़ी।
इसके बाद 1992 से हम लोगों की मुसीबत के दिन शुरू हो गए। हाजी मुश्ताक इशारे पर KDA ने हम लोगों को एक साथ पूरा पैसा जमा करने की नोटिस जारी कर दी। हमारे पास पूरा पैसा एक साथ जमा करना किसी भी सूरत में संभव नहीं थी। इसलिए KDA के खिलाफ मेरे अब्बू कोर्ट चले गए। वहां अभी भी सुनवाई चल रही है।
हर दिन नई मुसीबत का डर सताता है कोर्ट-कचहरी में मामले की सुनवाई के बीच ही 2005 में मेरे भाई राशिद हुसैन को कोल्ड ड्रिंक में जहर देकर मार डाला गया। इसके लिए मेरा पूरा परिवार सोलंकी परिवार पर आरोप लगाता रहा, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। 2012 में सपा सरकार बनने के बाद से लगातार मुसीबत के पहाड़ टूटते रहे हैं। मेरे दूसरे भाई माजिद हुसैन पर अनगिनत मुकदमे कर दिए गए।
वह जैसे ही बाहर आता था, उस ओर से एक नया मुकदमा कर दिया जाता था। उसको पुलिस से टार्चर करवा कर पागल कर दिया गया था। 9 नवंबर, 2021 को उसकी भी मौत हो गई। 2018 में इसी तरह मेरे प्लाट के एक हिस्से में विधायक के भाई ने कब्जा करके दीवार खड़ी कर दी थी। जिसका मेरे अब्बू ने विरोध दिया, तो उन्हें बुरी तरह से मारा-पीटा गया। मारपीट में अब्बू को ब्रेन हेमरेज हो गया। बाद में उनकी भी मौत हो गई।
दहशत में कानपुर छोड़कर भाग गया भाई पिता और दो भाइयों की मौत से अभी परिवार उबर नहीं पाया था कि विधायक और उसके भाई ने इसी 30 मई को हमारे बनाए दो कमरों को तुड़वा दिया। रिजवान ने धमकी की थी कि अगर प्लाट खाली नहीं किया, तो मरहूम पिता और भाइयों के पास पूरे परिवार को भेज दूंगा।
उसके बाद से एक भाई साजिद हुसैन, जो शादीशुदा है, वह अपने परिवार के साथ कानपुर छोड़कर ही चला गया। मेरी अम्मी ने बाकी दो भाइयों को भी कानपुर से बाहर भेज दिया। मेरे परिवार ने अब्बू और दो भाइयों को लाश बनते देखा है। अब और मौत बर्दाश्त करने की हिम्मत नहीं है। इसलिए इस प्लाट से सभी मर्दों को हटा दिया गया है।
मां, बहन और दो बच्चे ही बचे प्लाट में
फर्जी मुकदमों और 3 मौतों के बाद प्लाट से सभी आदमी हटा दिए गए हैं। 30 मई को दोनों कमरे तोड़े जाने के बाद से प्लाट में पॉलीथिन लगाकर मां-बहन और उसके दो बच्चों के साथ रह रही है। सुकून के अभी 6 महीने भी नहीं बीते थे कि विधायक और उसके भाई ने फिर से तबाही मचा दी। शादी के बाद मैं गाजीपुर में रहने लगी हूं। लेकिन हर दिन हमें बस एक ही चिंता सताती रहती है कि कानपुर में मेरे परिवार पर कहीं कोई आफत ना आ जाए।
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