वाराणसी में गंगा और वरुणा नदी का जलस्तर बढ़ने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है और यहां के हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाटों के पानी में डूब जाने से शवों का दाह संस्कार आस-पास की गलियों में करना पड़ रहा है। हालात के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताते हुए जरूरी निर्देश दिए हैं। यहां के सभी घाट और आस-पास के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं, जिससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग विस्थापन को मजबूर हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा के बढ़ते जल स्तर और बाढ़ पीड़ितों के विस्थापन को लेकर चिंता व्यक्त की और अधिकारियों को फोन कर राहत शिविरों में रह रहे लोगों को हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ने जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और आयुक्त दीपक अग्रवाल को फोन कर राहत शिविर में रह रहे लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कराने के लिए कहा और आवश्यकता पड़ने पर सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से संपर्क करने का निर्देश दिया।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार की सुबह आठ बजे वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.262 से बढ़कर 70.86 मीटर पर पहुंच गया, जो कि खतरे के निशान 71.262 मीटर से महज 0.40 मीटर नीचे है। वरुणा नदी में भी जलस्तर उफान पर है। वरुणा के किनारे बसे रिहायशी इलाकों में पानी घुसना शुरू हो गया है। हालात को देखते हुए जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में भेजा जा रहा है। राहत शिविरों में विस्थापित लोगों को खाने-पीने के साथ ही चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।