आखिर कब तक चलता रहेगा जादूगर का खेल, गाड़ी ढकेल
उरई(जालौन)। एआरटीओ कार्यालय के आए दिन एक ना एक नए कारनामे खुलकर सामने आ रहे हैं। कभी वहां पर बैठे बाबुओं के पैसे लेने के वीडियो वायरल, तो कभी जादूगर के खेल खेलने के कारनामे उजागर हो रहे हैं। इतना ही नहीं चार पहिया वाहन फिटनेश के नाम पर भी एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी खेला करने में मस्त है। अक्सर एआरटीओ कार्यालय आने जाने वाले जरूरतमंदों का कहना था कि इतना सब कुछ होने के बाद भी वहां का ढर्रा नहीं बदला। फिलहाल तो अब लोगों की नजरें डीएम को सौंपी गयी विस्तृत जांच आख्या पर लगी हुयी है कि जांच टीम ने वास्तव में क्या सिफारिश की है।
आपको बता दें कि कुछ माह पूर्व भारतीय जनता पार्टी के अनुशासनिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. घनश्याम अनुरागी द्वारा जिला स्तर से लेकर शासन स्तर तक एआरटीओ कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी। जिसको लेकर जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की थी और जांच टीम ने छापा मारकर कई दस्तावेज जप्त कर लिए थे। लेकिन जांच के दौरान भी कार्यालय में पैसे लेने के वीडियो लगातार वायरल भी होते रहे। दिलचस्प बात तो जब सामने आई है, एक तरफ प्रशासन की जांच और दूसरी तरफ जादूगर का खेल और आंख मिचैली के खेल में जादूगर अपने खेल को दिखाने में सफल रहा। विभागीय सूत्रों के द्वारा बताया गया जादूगर सोनू के द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस की फाइलों को रात के अंधेरों में अप्रूवल कर रहा है। जबकि विभागीय कार्य सुबह 10 से शाम 5 बजे तक होने चाहिए। जादूगर अपने खेल को खेलने के लिए रात के अंधेरे में काम करता है। और जो ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले प्रार्थी होते हैं उनके मोबाइल पर मैसेज एप्रूवल के साथ ही आ जाता है। हर एआरटीओ कार्यालय में एक एडमिन कंप्यूटर होता है। जिससे एआरटीओ की आईडी से विभिन्न कामों के अप्रूवल (सहमति) दिए जाते है। इस कंप्यूटर का एक आईपी एड्रेस होता है। जिसे बैंड किया जाता हैं, पर जनपद जालौन के एआरटीओ कार्यालय में नया काम चल रहा है। यहां उस बैंड को हटा दिया गया है। अब कहीं से भी सारथी एप पर एआरटीओ की आईडी से एप्रूवल दिया जा रहा है, जो कि नियमानुसार गलत हैं। विभागीय सूत्रों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया है कि आज कल जादूगर, साहब के आवास से साहब की आईडी से एप्रूवल दे रहा है। अगर सारथी एप पर विभिन्न कामों के दिए गए एप्रूवल के समय निकलवा लिया जाए, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि जादूगर कभी रात को तो कभी सुबह तड़के साहब के आवास पर आता है। साहब की ही आईडी से एप्रूवल देकर चला जाता है, अगर एनआईसी से सारथी एप पर दिए एप्रूवल के समय को निकलवा लिया जाए, तो पता चल जायेगा कि कितने बजे एप्रूवल दिया गया है। एक प्राइवेट व्यक्ति द्वारा एआरटीओ की आईडी को इतनी शिकायतों के बाद भी चलाना सरकारी मशीनरी की शिथिलता को दर्शाता हैं। गौरतलब है कि एआरटीओ के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व सांसद डा. घनश्याम अनुरागी के साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा जिलाधिकारी से की गई थी जिसके बाद डीएम द्वारा मामलों की जांच के लिये तीन सदस्यी मजिस्ट्रेट समिति गठित कर जांच करवाई गई थी। वहीं जब उक्त संबंध में एआरटीओ सौरभ कुमार से जानकारी करने के लिए 3.43 पर फोन लगाया, तो फोन नहीं उठाया गया। जिससे उनकी प्रतिक्रिया के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी।
एआरटीओ की बहुप्रतीक्षित जांच डीएम को सौंपी :- विशाल यादव
इस संबंध में जब जन एक्सप्रेस की टीम ने एआरटीओ के खिलाफ हुई जांच के अधिकारी एडीएम नमामि गंगे से पूंछा तो उन्होंने बताया कि वह तीन सदस्यी टीम की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप चुके है। अब उस पर अग्रिम कार्यवाही का निर्णय जिलाधिकारी द्वारा ही लिया जायेगा।