क्या है सीपीआर?
सीपीआर का मतलब कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है। यह एक जीवन रक्षक तकनीक है, जो हार्ट अटैक जैसी आपात स्थिति में कारगर है। जब रोगी को दिल का दौरा पड़ता है या पानी में डूबने के बाद सांस नहीं आती है, तो इस तरह की स्थिति में सीपीआर दिया जाता है। सीपीआर के जरिए रोगी के शरीर में रक्त और ऑक्सीजन का संचार किया जा सकता है।
सीपीआर का मतलब कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है। यह एक जीवन रक्षक तकनीक है, जो हार्ट अटैक जैसी आपात स्थिति में कारगर है। जब रोगी को दिल का दौरा पड़ता है या पानी में डूबने के बाद सांस नहीं आती है, तो इस तरह की स्थिति में सीपीआर दिया जाता है। सीपीआर के जरिए रोगी के शरीर में रक्त और ऑक्सीजन का संचार किया जा सकता है।
कैसे देते हैं सीपीआर?
हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि सही तकनीक से सीपीआर देने पर रोगी की जान बचाई जा सकती है। हार्ट अटैक के बाद प्रारंभिक स्तर पर इलाज का यह आवश्यक उपाय है। इससे हार्ट अटैक के कारण होने वाली मौत के खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि सही तकनीक से सीपीआर देने पर रोगी की जान बचाई जा सकती है। हार्ट अटैक के बाद प्रारंभिक स्तर पर इलाज का यह आवश्यक उपाय है। इससे हार्ट अटैक के कारण होने वाली मौत के खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि सीपीआर देने की एक विशेष तकनीक है। दिल का दौरा पड़ने पर 100-120/ मिनट की दर से छाती को दबाया जाता है। इस प्रक्रिया को करने के लिए दोनों हाथों को इस प्रकार से जोड़ें कि हथेली का निचला हिस्सा छाती पर आए। फिर हथेली को छाती के केंद्र के निचले आधे हिस्से पर रखकर दबाएं। छाती को 5 सेमी तक संकुचित करें। ध्यान रखें कि बहुत तेजी से दबाव नहीं डालना है।