कानपुर देहात से जिस प्रकार की खबर निकल कर सामने आ रही है, चौंकाने वाली है। एक व्यापारी की पुलिस कस्टडी में मौत का मामला सामने आया है। व्यापारी की मौत के बाद गंभीर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, कानपुर देहात के शिवली थाना के लालपुर सरैंया निवासी व्यापारी बलवंत की मौत पुलिस कस्टडी में हो गई। मामला सामने आने के बाद लोगों का गुस्सा उबल पड़ा। सड़क पर निकले लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर बवाल काटा। मामले में एसपी ने 9 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। परिजनों की तहरीर के आधार पर एसओजी प्रभारी और पुलिसकर्मियों सहित 7 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद भी लोग शांत नहीं हुए। सीएम योगी आदित्यनाथ को घटनास्थल पर बुलाए जाने की मांग की गई। गुस्साए लोग लगातार एसपी, पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे।
कानपुर देहात में लूट की शक में पुलिस ने युवा व्यापारी को हिरासत में लिया था। इसके बाद उसके साथ पिटाई कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी युवक के साथ पिटाई का मामला गरमाया रहा। युवक के शरीर पर 25 से ज्यादा गंभीर चोटों के निशान मिले हैं। दोनों हाथ की कलाइयों पर रस्सी बांधने के निशान भी मिले। पुलिस पर युवक के पैर के तलवों से लेकर घुटनों तक, कमर के नीचे और पीठ पर लाठियों से पिटाई का आरोप लगा है। बलवंत के शरीर पर इतनी लाठियां मारी गई थीं कि खाल उधड़ गई। व्यापारी ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने परिजनों के पुलिस कस्टडी में मौत के आरोपों की पुष्टि कर दी है। पुलिस की इसी बर्बरता के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क उठा।
सीएम योगी को बुलाने की होती रही मांग
पुलिस बर्बरता के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। मृतक बलवंत की पत्नी शालिनी सामने आई। उसने जिला प्रशासन के माध्यम से सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पांच मांगें रखीं। सीएम योगी के आने तक अंतिम संस्कार नहीं कराए जाने की बात कही गई। इसके अलावा शालिनी सिंह को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई, ताकि बच्चों और परिवार का भरण-पोषण हो सके। परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई। एफआईआर में नामजद सभी आरोपियों की 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी की मांग की गई। हत्या की रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गई।
भाजपा ने भी एसएसपी पर बोला हमला
लोगों के आक्रोश को देखते हुए अकबरपुर से भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने कानपुर देहात पुलिस और एसपी पर गंभीर आरोप लगा दिया। उन्होंने कानपुर देहात एसपी पर आरोप लगाया है। भाजपा सांसद ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं। एसपी पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। बलवंत को राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण ले जाने और चौराहे पर पिटाई का आरोप लगा है। लूट की घटना का मुकदमा दर्ज कराने वाले मृतक के चाचा की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि वह चोरी में शामिल नहीं था। उसे छोड़ दें। इसके बाद भी पुलिस ने उसको नहीं छोड़ा।
सांसद ने पुलिस की कार्यशैली के साथ डॉक्टर पर भी सवाल बनाया है। उसमें 11 तारीख की घटना दिखाई गई है। डॉक्टर के रेफर लेटर को भी इसमें शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि घटना 12 और 13 दिसंबर की रात की है तो फिर इस प्रकार का रेफर लेटर क्यों जारी किया गया? पूरी तरह से मामले में गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।
6 दिसंबर को घटना के मामले में उठाए गए थे बलवंत
कानपुर देहात के शिवली थाना क्षेत्र में 6 दिसंबर को व्यापारी चंद्रभान के साथ लूट की घटना घटी थी। लूट की घटना की जांच पुलिस कर रही थी। इसी क्रम में पुलिस और एसओजी की टीम ने संदेह के आधार पर पांच लोगों को हिरासत में लिया। इसमें लूटा का शिकार हुए चंद्रभान के भतीजे बलवंत को भी हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान बलवंत के साथ पुलिस की बर्बरता का मामला सामने आया है। बर्बरता की घटना के बाद पुलिस लाश को अस्पताल में छोड़कर फरार हो गई। घटना के सामने आने के बाद एसपी सुनीति ने 9 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। सात पर हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया गया है। हालांकि, इन कार्रवाई के बाद भी लोगों का गुस्सा थम नहीं थमा।
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