सपा के गढ़ कन्नौज में बुधवार को भाजपा नेता अरुण शाक्य की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के 36 घंटे के अंदर ही शुक्रवार को भाजपा नेता के 3 हत्यारोपियों के घरों पर बुलडोजर चला दिया गया। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी गांव के प्रधान का पति है। प्रशासन का कहना है कि बुलडोजर की कार्रवाई बिल्कुल सही है। ये मकान अवैध जमीन पर बने हैं। जांच में इसकी पुष्टि भी हुई है।
बता दें कि भाजपा के बूथ प्रभारी और पूर्व प्रधान अरुण शाक्य के मामले में 17 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें से 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी आरोपी मौके से फरार हैं। मामला तालग्राम थाना क्षेत्र के नरूइया गांव का है।
अरुण के साथ जमकर की गई मारपीट
पूर्व प्रधान अरुण शाक्य की हत्या की वजह रंजिश बताई जा रही थी। हत्या का आरोप प्रधान सरोजनी देवी उसके परिवार और समर्थकों पर लगा था। बताया जा रहा है कि आरोपी पूर्व प्रधान को प्राइमरी स्कूल में काम करवाते समय साथ ले गए थे। उसके बाद प्रधान के घर के पास उसके साथ जमकर मारपीट की गई थी। जिसमें उनकी मौत हो गई।
आरोपी अरुण को मौके पर छोड़कर फरार हो गए थे। गांव और परिवार के लोग आनन-फानन उसको अस्पताल लेकर गए, लेकिन उसकी पहले ही मौत हो चुकी थी।
मेरे पिता को लोहे की सरिया से मारा गया
अरुण शाक्य की बेटी का कहना है, ”आरोपियों ने मेरे पिता को लोहे की सरिया से मारा है। हम लोग उनको बचाने गए तो हमारे साथ भी मारपीट की कोशिश की गई। हम लोगों से कहा गया, यहां से चले जाओ नहीं तो तुम लोगों को भी ऐसे ही मारेंगे। उनके घर की महिलाओं ने भी पापा को बहुत मारा है। हम लोगों को इंसाफ चाहिए। जैसे मेरे पापा को मारा है उनको भी तड़पा-तड़पा कर मारा जाए।”
रंजिश में कर दी पूर्व प्रधान की हत्या
ग्राम प्रधान और पूर्व ग्राम प्रधान के बीच यह रंजिश कुछ दिन पहले ही शुरू हुई थी। अरुण शाक्य और ग्राम पंचायत सदस्यों की शिकायत पर प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज कर दिए गए थे। सरोजनी देवी पर विकास कार्यों में धांधली के आरोप लगाए गए थे। अपने अधिकार वापस पाने के लिए प्रधान ने हाईकोर्ट की शरण ली, लेकिन 2 दिन पहले ही हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
अरुण करवा रहे थे गांव के सारे काम
चुनाव हारने के बाद भी ग्राम पंचायत के विकास कराने का काम अरुण शाक्य के हाथों में पहुंच गया। यही बात सरोजनी देवी और उनके परिजनों को खटक रही थी। सरोजनी देवी लगातार अपने अधिकार वापस लेने की कोशिश कर रही थी। लेकिन, जब उसका प्रयास सफल नहीं हुआ, तो उसने अरुण की हत्या का प्लान बनाया। फिर 14 दिसंबर को घटना को अंजाम दिया।
तालाब की जमीन पर बनाए गए थे मकान
शुक्रवार सुबह SDM छिबरामऊ और CO फोर्स के साथ JCB लेकर नरुइया गांव पहुंचे। ग्राम प्रधान सरोजनी देवी के पति विजय बहादुर यादव, जितेंद्र और एक अन्य का मकान ढहाए गए। प्रशासन ने कहा कि तालाब की जमीन पर अवैध तरीके से मकान बनाए गए थे।
पिता की तहरीर पर पर दर्ज की गई FIR
मृतक अरुण शाक्य के पिता हेमराज की तहरीर पर तालग्राम थाना पुलिस ने सरोजनी देवी, बृजेन्द्र यादव, अजय प्रताप यादव, ऊषा यादव, राहुल उर्फ करिया, जीतू यादव, मान सिंह, रामतीर्थ, शिवा, करन सिंह, अंकित यादव के अलावा 6 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
गांव में हुआ अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि
अरुण शाक्य का अंतिम संस्कार गांव में ही उनके खेत में किया गया। यहां उनके 8 साल के बेटे आशुतोष ने कांपते हाथों से पिता की चिता को मुखाग्नि दी। चिता में आग लगते ही बेटा आशुतोष फफक पड़ा। जिससे वहां मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गईं।
वहीं, भाजपा नेता की बेटी ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की है। बेटी ने कहा कि आरोपी के घर की महिलाओं ने भी लोहे की सरिया से पापा को पीटा था।
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