हमीरपुर जिले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फौजदारी चंद्रभान सिंह की अदालत ने गुरुवार को दो लोगों की हत्या में दो भाइयों समेत सात लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई। सभी पर 30-30 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने मंगलवार को सात आरोपियों को दोषी करार दिया था। सबूतों के अभाव में दोनों पक्षों के पांच आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था।
इंगोहटा गांव के योगेंद्र कुमार दीक्षित ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि सात अगस्त 2001 को शाम साढ़े छह बजे वह बड़े भाई महंत राममनोहर दास, रामकिशोर दीक्षित, दिलीप कुमार, राजन दीक्षित, कल्लू दीक्षित, पुत्री मनीषा व प्रतीक्षा के साथ खलिहान से घर आ रहा था। तभी लुखरू कहार के मकान के पास गांव के अशोक निगम, शिक्षक राजीव निगम, अधिवक्ता सोम निगम, सत्तीदीन कोरी, मलखान प्रजापति, देवेंद्र दीक्षित, फणींद्र दीक्षित, मुनव्वर, सुरेश व रमेश विश्वकर्मा ने हमला कर दिया।
यह लोग तमंचा, बंदूक व फरसा लिए थे। ताबड़तोड़ फायरिंग करके उसके चचेरे भाई कल्लू दीक्षित की हत्या कर दी। दूसरे पक्ष के मनीराम प्रजापति ने पुलिस को दी तहरीर में कहा था कि सात अगस्त 2001 को उसका भाई मलखान अशोक निगम के घर से काम कर घर आ रहा था।
तभी बच्चू लोहार के मकान के पास महंत राममनोहर दीक्षित, रामकिशोर दीक्षित, योगेंद्र दीक्षित व कल्लू दीक्षित ने लाठी-डंडों से उसके भाई पर हमला कर दिया। इससे उसके भाई को गंभीर चोटें आईं। बाद में उसकी मौत हो गई। पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। पुलिस ने दोनों पक्षों के 14 आरोपियों के खिलाफ हत्या, गैर इरादतन हत्या सहित अन्य धाराओं में आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मनीराम बुंदेला ने बताया कि सुनवाई के दौरान एक आरोपी मलखान की मौत हो गई थी। सबूतों के अभाव में दो आरोपियों अधिवक्ता सोम निगम व फणींद्र दीक्षित को दोषमुक्त करार दिया था। सात दोषियों अशोक निगम व उसके भाई राजीव निगम, सत्तीदीन कोरी, देवेंद्र दीक्षित, मुनव्वर, सुरेश व रमेश विश्वकर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
प्लाट के विवाद में ले ली थी दो लोगों की जान
इंगोहटा गांव में वर्ष 2001 में हुए दोहरे हत्याकांड के पीछे महज एक प्लाट का विवाद था। हत्याकांड में शामिल निगम परिवार को इंगोहटा निवासी देवेंद्र दीक्षित ने वर्ष 1990 के आसपास छानी इंगोहटा मार्ग किनारे एक सजातीय व्यक्ति से एक प्लाट खरीदा था। बाद में गांव निवासी महंत राममनोहर दीक्षित ने भी इसी प्लाट को खरीद लिया। इसी प्लाट में कब्जे को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे।
पिता की हत्या में उम्र कैद, 11 हजार जुर्माना लगाया
पिता की हत्या में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय गीतांजलि गर्ग की अदालत ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हत्यारे पुत्र को आजीवन कारावास व 11 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है। बिवांर थानाक्षेत्र के महेरा गांव निवासी दुलीचंद्र ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उसका भाई डालचंद्र मानसिक रोगी है। 12 मार्च 2021 को सुबह 10 बजे उसके पिता खलिहान में काम कर रहे थे।
तभी डालचंद्र ने लोहे की राड से हमला करके पिता की हत्या कर दी। पुलिस ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था। सहायक शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार शुक्ला व प्रवीण भदौरिया ने बताया कि मुकदमे के दौरान आरोपी को मेडिकल के लिए मानसिक चिकित्सालय बनारस भेजा गया था। वहां डॉक्टरों ने जांच के दौरान उसे पूरी तरह मानसिक रोगी नहीं माना था। पत्नी व पुत्री ने भी अदालत में डालचंद्र के खिलाफ बयान दर्ज कराए थे। गवाहों और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने डालचंद्र को दोषी मानकर सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।