मुजफ्फरनगर जनपद निवासी बीकॉम के एक छात्र ने अखबार की रद्दी से अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर का एक भव्य मॉडल बनाया. बताया जा रहा है कि इस मॉडल को बनाने में इस छात्र को 4 महीने लगे. नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के गांधी कॉलोनी निवासी बीए थर्ड ईयर के छात्र तुषार शर्मा ने उस समय अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया जब कोरोना के चलते पहले लॉकडाउन में सभी लोग अपने अपने घरों में कैद थे.
उस समय तुषार ने घर में रहकर अपने खाली समय में अखबार की रद्दी से कई मॉडल बनाए, जिसमें इंडिया गेट, लाल किला, गोल्डन टेंपल, बद्रीनाथ मंदिर, केदारनाथ मंदिर शामिल है. इसके अलावा, महात्मा गांधी का चरखा, राफेल वाइट हाउस, स्कूटर, बाइक, ट्रैक्टर, पेंसिल स्टैंड, रिक्शा जैसे तकरीबन 60 मॉडल तुषार अब तक बना चुका है. इस नए साल को लेकर तुषार ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का भव्य मॉडल अखबार की रद्दी से बनाया है. इस मॉडल को बनाने में तुषार के 4 महीने लगे हैं.
बनाने में 4 महीने लगे
पेपर क्राफ्ट से मॉडल बनाने वाले छात्र तुषार शर्मा ने इस मॉडल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मैंने भगवान श्री राम मंदिर का मॉडल बनाया है, जो कि अयोध्या में बन रहा है. उन्होंने कहा कि सेम मेरा वही मॉडल बनाने का मन था. मैं इस मॉडल को बनाने में 4 महीने से लगा हूं, क्योंकि यह मॉडल अभी तक बना नहीं है. वहां पर मंदिर अभी बना नहीं है, मंदिर अभी बनने वाला है तो मेरा मन था कि मैं राम मंदिर का मॉडल बनाऊं.
बद्रीनाथ, लाल किला का मॉडल भी बनाया है
उन्होंने बताया कि मेरा मन था कि बस इसको नए साल पर ही मैं रिप्रेजेंट करूंगा, क्योंकि यह अभी कंप्लीट नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि जब लॉकडाउन लगा था तब मेरा मन कर रहा था कि मैं कुछ अलग करूं. हमारे प्रधानमंत्री बोल रहे थे कि अपने आप को फ्री रखना है और अपने आप को अंदर ही रखना है बाहर मत जाओ. तभी मैंने सोच लिया था कि मैं कुछ अलग करूंगा. तब अखबार की कुछ कटिंग कर रहा था, जो वेस्ट मटेरियल होते हैं, मैंने उनको रीसायकल करके यह मॉडल बनाया. उन्होंने कहा कि मैं अब तक 50-60 मॉडल बना चुका हूं, जिसमें 20 बड़े मॉडल हैं. जैसे केदारनाथ, बद्रीनाथ, लाल किला, गांधीजी का चरखा इस तरह के मैंने काफी मॉडल बनाए हैं.
क्या कहा छात्र ने?
तुषार ने कहा कि बीकॉम थर्ड ईयर के एग्जाम दूंगा, पढ़ाई के साथ-साथ मेरी एक क्राफ्ट भी चल रही है. उन्हें परिवार का और पूरे देश का काफी अच्छे से सहयोग मिल रहा है. तुषार ने कहा कि इनके सपोर्ट के बिना मैं यहां तक नहीं पहुंच पाता. इस मॉडल में मैं 4 महीने से लगा हूं, क्योंकि इस मॉडल का जो बेस था वह मेन है बिना बेस के यह नहीं बनेगा. इसका बेस मेरे समझ में नहीं आ रहा था क्योंकि जो उसकी स्टार्टिंग है वह मेरे समझ में नहीं आया. उन्होंने कहा कि मुझे 25 दिन इसके बेस बनाने में लगे हैं. 35 दिन मुझे उसके पिलर बनाने में लगे हैं.
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