लखनऊ से एक 4 साल का बच्चा 5 सितंबर को किडनैप हो गया था। किडनैप उसके चचेरे भाई ने किया था। पुलिस ने CCTV फुटेज से उसे पकड़ लिया। आरोपी अमित ने बताया, ‘’मैंने हत्या कर शव गंगा में फेंक दिया है।’’ पुलिस कानपुर और हरिद्वार में बच्चे का शव तलाश कर रही है।
किडनैप होने की पूरी कहानी जानने के लिए दैनिक भास्कर रिपोर्टर बच्चे के घर पहुंचा। घर में मातम छाया है। रो-रोकर घरवालों की आंखें सूज चुकी हैं। इस घर में पांच दिन से खाना तक नहीं बना है। पड़ोसियों के खाना देने पर भी घरवाले खाना नहीं खा रहे हैं। घर का कोई भी सदस्य बात करने की स्थिति में नहीं है।
मां का रो-रोकर बुरा हाल, बोली- मेरे बेटे ने क्या बिगाड़ा था?
बच्चे की मां का सबसे बस एक ही सवाल है- मेरे बेटे ने क्या बिगाड़ा था? उसे क्यों मार दिया? वह कहती है कि जिसे अपने बेटे की तरह मानती थी, उसी ने मेरे बेटे को मौत की नींद सुला दिया। एक प्राइवेट स्कूल में टीचर मां रश्मि बच्चे के लिए कभी खुद को, तो कभी भगवान को कोस रही थी। वह बार-बार कह रही थी कि पुलिस से मीडिया को खबर न लगती, तो शायद बच्चा बच जाता। रश्मि कहती है, ‘’एक बार मेरे से कहता, मैं अमित को रुपए दे देती। मेरे कलेजे के टुकड़े को मारने की क्या जरूरत थी?
पिता धर्मेंद्र पांडेय भी बदहवास हालत में हैं। उनकी भी समझ में नहीं आ रहा है कि भतीजे ने ही ऐसा क्यों कर दिया? वह खुल कर और हक से मुझसे रुपए मांग सकता था। उसे बच्चे को मारना नहीं चाहिए था।
आरोपी ने कहा- मैंने अपना बदला ले लिया, कोई अफसोस नहीं
बच्चे के किडनैप का आरोपी अमित ने कहा, ‘’साहब, मेरे पिता 4 भाई हैं। मेरा संयुक्त परिवार है। घर की खेती-बाड़ी और अन्य जिम्मेदारी मेरे पिता पर है। मेरी तीन बहनें शादी करने के लायक हैं। मेरे पिता को चाचा और बड़े पिता ने नौकरी नहीं करने दी। तब दोनों ने वादा किया था कि तुम्हारे लड़के की पढ़ाई और लड़कियों की शादी हम लोग करेंगे। मगर, दोनों अपनी बात से मुकर गए।’’
वह कहता है, ‘’इन लोगों ने मेरी किसी बहन की शादी नहीं की। मैंने अपनी कोचिंग की फीस भरने के लिए चाचा धीरेंद्र पांडेय से 50 हजार रुपए मांगे थे। लेकिन उन्होंने पैसा नहीं दिया। तभी से मैंने बदला लेने के लिए ठान लिया था। मौका देखकर अपनी चाची रश्मि से उनके बेटे राम पांडेय को साथ ले जाने के लिए कहा। वह मना कर रही थी। मगर, मैं जिद करके जिद करके राम को अपने साथ घर से लेकर निकला।”
उसने कहा, ”मुझे सिर्फ प्रतिशोध लेना था। रास्ते में कुछ दूर चलने पर अजनबी बाइक चालक से लिफ्ट लेकर कमता तिराहे पर उतर गया। वहां से ट्रांसपोर्टनगर पहुंचा। वहां से प्राइवेट बस पकड़ कर जाजमऊ, कानपुर गंगा नदी के किनारे उतर गया। फिर राम को लेकर गंगा नदी क्रास कर वापस उन्नाव की तरफ आया। जब सड़क सुनसान हो गई, तो मैं राम को बीच गंगा के पुल पर ले गया। वहां राम की गला दबाकर हत्या कर दी। फिर शव छिपाने के लिए बहती गंगा नदी में उसको फेंक दिया।”
चचेरे भाई के साथ घर से था निकला
सनातन कॉलोनी में रहने वाले धर्मेंद्र पांडेय डुमरिया गंज में मार्केटिंग इंस्पेक्टर हैं। उनका बेटा राम अपने चचेरे भाई अमित के साथ बाजार गया था। धर्मेंद्र पांडेय ने बताया, ‘’काफी देर तक न लौटने और अमित का मोबाइल बंद होने पर खोजबीन शुरू की। कोई सुराग न लगने पर पुलिस को सूचना दी।’’
दूसरे दिन यानी बुधवार शाम को अमित घर लौट आया। उसने राम के खोने की बात कही। पुलिस के पूछताछ में गोल-मोल जवाब देने लगा। चिनहट इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह ने बताया, ‘’अमित बार-बार बयान बदल रहा है। कभी कहता है कि कानपुर के पास गंगा में राम की हत्या कर शव फेंक दिया। कभी कह रहा है कि हरिद्वार में छोड़कर आया हूं।’’
सर्विलांस के आधार पर पुलिस खोज रही बच्चा
विभूतिखंड एसीपी अभय प्रताप मल्ल ने बताया, ‘’बच्चे की तलाश के लिए सर्विलांस की टीम को भी लगाया है। दो टीमों को बच्चे की लोकेशन के आधार पर भेजा गया है। आरोपी के बदले बयान से अभी हालात साफ नहीं हो रहे।’’
पुलिस के मुताबिक, बच्चे की गुमशुदगी की जानकारी होते ही आसपास के CCTV फुटेज खंगाले गए। इसमें अमित बच्चे को साथ ले जाते हुए दिखा है। उसके बाद से बच्चे की तलाश के लिए पुलिस की तीन टीम लगा दी गई हैं। बच्चे की तलाश में लखनऊ, कानपुर और हरिद्वार में गुमशुदगी के पोस्टर चस्पा कराए गए हैं।
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