उरई(जालौन): उद्योगपति जो भी उत्पाद बनाते हैं उनका रेट वही तय करते हैं। इस व्यापार में उद्योगपतियों को लाभ होता है। दूसरी तरफ जो हमारे किसान हैं वह जो भी उत्पाद गेहूं, मटर, चावल, दाल उगाते हैं उस उत्पाद का किसानों को कभी भी अच्छा मूल्य नहीं मिलता है। वह हमेशा घाटे में रहते हैं। इसलिए केंद्र सरकार को किसानों के प्रति ऐसी नीति बनानी चाहिए जिससे किसानों को उसके उत्पाद का सही दाम मिले। यह बात ग्राम जमरोही खुर्द में आयोजित संगोष्ठी में किसानों से कृभकों के चेयरमैन व पूर्व सांसद डा. चंद्रपाल यादव ने कही।
गांव में समाजसेवी ज्ञानसिंह यादव, नरेंद्र प्रताप यादव, इं. रवींद्र प्रताप यादव व ग्राम प्रधान धीरेंद्र यादव की ओर से आयोजित किसान को उसके उत्पाद का मूल्य कैसे मिले विषयक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। बैठक में पूर्व ब्लाक प्रमुख कैलाश यादव, बलवीर सिंह यादव, चंद्रप्रकाश मिश्रा, राधाचरण कुशवाहा, लल्लू मास्टर, सुरेंद्र यादव, बृजराज सिंह, सूरज सिंह यादव, भारत सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीआर के प्रदेश कोआर्डिनेटर अनिल शर्मा ने कहा कि किसानों के उत्पादों का मूल्य बाजार में इस तरह तय होना चाहिए कि किसान की जिस उत्पाद में जितनी लागत लगी हो। इसके अलावा बिजली, सिंचाई व उनके घर के लोगों व मजदूरों ने जो काम किया है उसे जोड़कर उस उत्पाद क बाजार मूल्य तय होना चाहिए। तभी किसान व्यापारियों के समान बराबर नहीं कम से कम घर परिवार को अच्छी तरह से जी सकेगा। संगोष्ठी का संचालन रिंकू निरंजन ने किया। इस अवसर पर जमरोही खुर्द, धुरट, सोजना, केलरा, गुमावली, सुरावली, धमसेनी, जखौली सहित कई गांवों के गरीबों को 400 से अधिक कंबल वितरित किए।