उरई(जालौन): जिलाधिकारी चांँदनी सिंह ने इकलासपुरा मोड़ स्थित अस्थाई नवीन गौशाला का फीता काटकर उद्घाटन किया। जिलाधिकारी ने नवीन गौशाला का निरीक्षण के दौरान मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को भूसा के लिये भूसागृह बनाये जाने के निर्देश दिये साथ की अस्थाई गौशाला की देखरेख के लिये केयर टेकर भी नियुक्त किये जाये। उरई शहर में अन्ना पशुओं की समस्या चल रही थी उसको दृष्टिगत रखते हुये एक माह पूर्व से लगातार अभियान चलाकर अन्ना प्रथा को समाप्त किया गया। उरई शहर में अन्ना पशुओं को पकड़ने के लिये 05 कैचर कैटर वाहन के साथ 25 कर्मचारियों की टीम लगातार अभियान चलाकर शहर में घूम रहे अन्ना पशुओं को सुरक्षित पकड़कर संबंधित गौशाला में संरक्षित किये गये हैं। यह अभियान लगातार चलाया जा रहा है नजदीकी गौशाला में गौवंश की क्षमता पूर्ण होने पर आज अस्थाई गौशाला का निर्माण कराया गया हैं ताकि शहर में घूम रहे बचे हुये अन्ना गौवंशों को संरक्षित कर सके। इस अभियान से अन्ना पशुओं से होने वाली सड़क दुर्घटना में कमी आयी है साथ ही विभिन्न प्रकार की समस्याओं से भी निजात मिली। उन्होने जनपदवासियों से अपील की है कि अपने पशुओं को अन्ना न छोड़े, पशुओं को अपने पास ही आजीवन रखे। उन्होने कहा कि उम्मीद है कि बुन्देलखण्ड में इस समस्या का समाधान कर पायेगे जिसका जनपद जालौन नेतृत्व करेगा। नवीन अस्थाई गौशाला में जिलाधिकारी ने बरगद का वृक्ष़ व नगर मजिस्ट्रेट ने पीपल का वृक्ष एवं वरिष्ठ कोषाधिकारी ने बालमखीरा का वृक्ष लगाया। जिलाधिकारी ने प्रभागीय वनाधिकारी को निर्देशित किया कि परिसर में जो भी वृक्ष लगाये जा रहे है उनकी देखरेख की जाये।
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