65 साल के तापस शांडिल्य ने अपनी दिवंगत पत्नी की सिलिकॉन स्टैच्यू बनवाई है। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में उनकी पत्नी इंद्राणी की मौत हो गई थी। इसके बाद तापस ने 2.5 लाख रुपए खर्च कर पत्नी की प्रतिमा बनवाई।
तापस इस स्टैच्यू का अपनी पत्नी की तरह ही ख्याल भी रखते हैं। रोज उसे तैयार करते हैं, सोने के गहने पहनाते हैं और उससे बातें भी करते हैं। पूरे इलाके में तापस का पत्नी के लिए प्रेम और इंद्राणी की मूर्ति चर्चा का विषय बनी हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक शहर के कैखाली इलाके में रहने वाले तापस रिटायर्ड केंद्रीय कर्मचारी हैं। वे बताते हैं कि वे करीब 10 साल पहले पत्नी के साथ मायापुर के इस्कॉन मंदिर गए थे। यहां दोनों ने ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी की सजीव प्रतिमा देखी, जिससे वे काफी प्रभावित हुए। तभी इंद्राणी ने तापस से कहा कि अगर मेरी मौत हो जाती है तो आप मेरी ऐसी ही प्रतिमा बनवा लेना।
कोरोना से पत्नी की मौत हो गई थी
इंद्राणी ने यह बात मजाक में कही थी, लेकिन तापस ने तभी सोच लिया था कि अगर मेरे जिंदा रहते ऐसा होता है तो मैं इंद्राणी की यह इच्छा जरूर पूरी करूंगा। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में इंद्राणी संक्रमित हुईं, फिर 4 मई 2021 को उनकी मौत हो गई। इस हादसे ने तापस को अंदर तक हिला दिया। फिर तापस ने पत्नी की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए इंटरनेट पर सिलिकॉन की प्रतिमा बनाने वालों लोगों के बारे में सर्च करना शुरू किया।
तापस की तलाश 2022 की शुरुआत में खत्म हुई। उन्होंने मूर्तिकार सुबीमल दास को पत्नी की प्रतिमा बनाने की जिम्मेदारी सौंपी। इंद्राणी की मूर्ति बनाने के लिए सुबीमल ने तापस से उनकी तस्वीरें मांगी। सुबीमल बताते हैं कि सबसे पहले उन्होंने मिट्टी का मॉडल बनाया, फिर फाइबर मोल्डिंग और सिलिकॉन कास्टिंग की गई।
6 महीने और 2.5 लाख रुपए में बना स्टैच्यू
इस काम में 6 महीने का समय और 2.5 लाख रुपए खर्च हुए। अब कोई भी तापस के घर आता है तो उसे यह नहीं लगता कि इंद्राणी अब उनके साथ नहीं हैं। प्रतिमा का वजन 30 किलो है, तापस उसे अपनी पत्नी की तरह सोने के गहने पहनाकर रखते हैं। तापस बताते हैं कि शुरुआत में मेरे कई रिश्तेदार इस फैसले के खिलाफ थे। हालांकि बाद में सभी मेरी जिद के आगे झुक गए।
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