प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखा कर वाराणसी के तट से रवाना कर दिया है. यात्रा के दौरान यह क्रूज 51 दिनों का सफर तय करेगा.
गंगा विलास क्रूज में 36 पर्यटकों की क्षमता वाले 18 सुइट हैं. इसमें 40 क्रू मेंबर भी सवार लोगों को सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए रहेंगे. साथ ही लग्जरी जहाज 62 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा है.
गंगा विलास क्रूज में जिम, स्पा सेंटर, लेक्चर हाउस, लाइब्रेरी जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. यह पॉल्यूशन फ्री सिस्टम और नॉइस कंट्रोल टेक्नोलॉजी तकनीक से भी लैस है.
गंगा विलास क्रूज में एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है जिससे कोई भी सीवेज गंगा में न बहे. इसके साथ ही फिल्ट्रेशन प्लांट भी है जो नहाने और अन्य उद्देश्यों के लिए गंगा के पानी को साफ करता है.
क्रूज के निदेशक राज सिंह ने कहा कि इसमें प्रतिदिन 25,000 रुपये से 50,000 रुपये खर्च होंगे. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 51 दिनों की यात्रा के लिए कुल लागत लगभग 20 लाख रुपये होगी.
ये क्रूज वाराणसी से होकर यूपी के गाजीपुर, बिहार के बक्सर, पटना सिमरिया, मुंगेर, झारखंड के साहिबगंज, पश्चिम बंगाल के फरक्का, कोलकाता, बांग्लादेश की राजधानी ढाका, असम के गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ पहुंचेगा. उसकी ये पूरी यात्रा 1 मार्च को खत्म होनी है.
क्रूज सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क के पास से भी होकर गुजरेगा. इसके साथ ही भारत के 5 राज्यों और बांग्लादेश के अंदर 1100 किलोमीटर से गुजरेगा.