लखनऊ: अपनी कार्यप्रणाली के चलते राजधानी में तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ तैनाती वाले थाने में ही केस दर्ज हो रहे हैं। लखनऊ के मोहनलालगंज कोतवाली के बाद अब ठाकुरगंज थाने में दो दारोगा के खिलाफ उन्हीं के थाने में केस दर्ज हुआ है। आरोपितों पर पीड़ित को लॉकअप से निकालकर पीटने और धमकाने का आरोप है। कोर्ट के आदेश के पर 13 जनवरी को ठाकुरगंज थाने में तैनात दरोगा अनिल सिंह और अशोक कुमार सिंह के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। इसमें दोनों दारोगा के साथ ही बरौरा हुसैनबाड़ी निवासी शिवरतन जायसवाल, विशाल जायसवाल व रितिक जायसवाल के अलावा आठ-दस अज्ञात को भी आरोपित बनाया गया है।
ठाकुरगंज के बरौरा हुसैनबाड़ी निवासी दुर्गा प्रसाद त्रिवेदी ने पूरे मामले की कोर्ट में गुहार लगाई थी। इसमें बताया गया कि घर के बगल में नजूल की जमीन पर अवैध कब्जा करने का विरोध करने पर आठ जनवरी की रात करीब साढ़े दस बजे आठ-दस लोग आ धमके। आरोपितों ने घर में घुसकर मारपीट के साथ ही महिलाओं से अभद्रता शुरू कर दी। 112 नंबर पर कॉल करने पर ठाकुरगंज थाने के दारोगा अनिल सिंह औरअशोक सिंह फोर्स के साथ पहुंचे और दुर्गा प्रसाद को ही पकड़ ले गए। इसके बाद आरोपितों की मिलीभगत से पीड़ित का ही शांति भंग की आशंका में चालान करते हुए हवालात में डाल दिया। इसके बाद लॉकअप से निकालकर बेरहमी से पीटा था। इससे हाथ का अंगूठा टूट गया।
दारोगा ने पीड़िता का एक्स-रे भी नहीं कराने दिया
आरोप है कि अगले दिन पुलिस मेडिकल के लिए ले गई। डॉक्टर के कहने के बावजूद एक्स-रे नहीं करवाया। मेडिकल रिपोर्ट में भी कई चोटों की पुष्टि हुई थी। रिपोर्ट के आधार पर थाने में तहरीर देने के बावजूद सुनवाई नहीं होने पर कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। कोर्ट के आदेश पर ठाकुरगंज पुलिस ने दोनों दारोगा के साथ ही अन्य आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है। उधर, मोहनलालगंज पुलिस ने वकीलों की तहरीर पर 12 जनवरी को थाने में दारोगा राजकुमार, बीके सरोज के खिलाफ मारपीट और लूट की रिपोर्ट दर्ज की थी। 30 दिसंबर को हुए हादसे के मामले में वकील से मारपीट और विरोध करने पर कई वकीलों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद काफी हंगामा हुआ था।
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