बस्ती की रहने वाली सुनीता को इंस्टाग्राम पर वीडियो और रील बनाने का काफी शौक था और इसी के माध्यम से सुनीता की दोस्ती राकेश से हुई. दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा और दो साल बाद ये प्यार इतना नफरत में बदल गया कि सुनीता ने अपने ही प्रेमी राकेश की हत्या करने की खौफनाक साजिश रची और अपने ही हाथों से उसे मौत के घाट उतार दिया.
पुलिस के मुताबिक, सुनीता ने अपने पिता विनोद निवासी बघौड़ा थाना कलवारी और इसी गांव के अपने प्रेमी पिन्टू पांडेय के साथ मिलकर राकेश की हत्या की वारदात को अंजाम दिया था.
पुलिस के अनुसार सुनीता ने बताया कि राकेश सरोज ने शादीशुदा होने बात छिपाकर उससे सगाई की थी. जब वह उसका फ्लैट देखने कोलकाता गई तब उसे पता चला कि वह शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं. कोलकाता में कोई फ्लैट भी नहीं है. राकेश ने उसे रुपये देना बंद कर दिया था. इसी वजह से उसने अपने पिता और प्रेमी पिन्टू के साथ मिलकर राकेश को मारने की योजना बनाई थी.
9 जनवरी को राकेश अपने घर से लखनऊ जाने की बात कह निकला था, लेकिन सुनीता से मिलने बस्ती आ गया. राकेश ने रात में एक बजे कुसौरा आकर सुनीता से फोन पर 2 लाख 85 हजार रुपये उसके खाते में आरटीजीएस (RTGS) करने की बात कही. इस बात पर सुनीता ने बैंक पासबुक की फोटो व्हाट्सएप (Whatsapp) से राकेश के पास भेज दिया. लेकिन राकेश ने बताया कि ट्रांजेक्शन फेल होने के कारण पैसा नहीं भेज पाया. इसके बाद सुनीता ने राकेश को अपने गांव बघौड़ा स्थित अपने खेत से सटे बगिया में बुला लिया और रुपये की मांग करने लगी.
इसके बाद सुबह सुनीता के पिता और उसके दूसरे प्रेमी ने मिलकर एक बाइक पर मृतक राकेश के शव को लेकर घटना स्थल से कुछ दूर नहर में ले जाकर फेंक दिए जिससे राकेश के शरीर में चोट भी आई.
कलवारी सर्किल के डीएसपी ने बताया कि सुनीता को चमनगंज से गिरफ्तार करने के बाद दो अन्य आरोपी विनोद और पिन्टू को शाम करीब चार बजे आगौना से दबोच लिया गया. उनके कब्जे से शव को ठिकाने लगाने में प्रयुक्त बाइक और दो एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं. मृतक राकेश सरोज के भाई राजेश सरोज की तहरीर पर पुलिस ने सुनीता समेत अन्य के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था.
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