कानपुर के गोविंदनगर थाने में तैनात दरोगा ने पहले बाइक सवार छात्रों को टक्कर मार दी। इसके बाद दोनों को थाने में बंदकर बेरहमी से पिटा। इतना ही नहीं दोनों को एक दूसरे से मारपीट का आरोप लगा शांतिभंग में चालान भी कर दिया। वहीं, थाने में सुनवाई न होने पर बुधवार को परिजनों ने बच्चों संग पुलिस कार्यालय पहुंचकर पुलिस कमिश्नर से न्याय की गुहार लगाई।
इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने दारोगा को लाइन हाजिर करते हुए मामले की जांच एसीपी बाबूपुरवा को सौंपी है। बर्रा के मलिकपुरम निवासी संगीता गोयल ने बताया कि उनका बड़ा बेटा अभिषेक गोयल डीबीएस कॉलेज से बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र है। सोमवार को उनके छोटे बेटे आकाश गोयल का जन्मदिन था। इस पर अभिषेक अपने दोस्त नमन आर्य के साथ बाइक से गोविंदनगर केक लेने गया था।
दरोगा ने अपराधियों की तरह बांधकर पीटा
इसी दौरान गोविंदनगर थाने में तैनात दरोगा जीतेंद्र बहादुर सिंह ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। बच्चों ने जब इसका विरोध किया, तो दोनों को थाने ले गए। यहां दरोगा ने गाली गलौज करते हुए उन्हें अपराधियों की तरह बेरहमी से बंधक बनाकर पिटाई शुरू कर दी। इधर काफी देर इंतजार के बाद जब दोनों बच्चे वापस नहीं लौटे, तो परिजनों ने उनकी खोजबीन करते हुए थाने पहुंचे।
पुलिस कमिश्नर ने एसीपी बाबूपुरवा को सौंपी जांच
यहां बच्चों को सलाखों के पीछे देख उनके होश उड़ गए। परिजनों ने जब बच्चों का आरोप पूछा तो दरोगा और मुंशी ने उनसे अभद्रता करते हुए थाने से भगा दिया। वहीं बाइक को सीज कर दोनों के ऊपर शांतिभंग में चालान कर दिया। घर पहुंचे बच्चों ने परिजनों ने पुलिस द्वारा की गई बर्बरता और चोटों के निशान दिखाए। मामले में पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड से दरोगा को लाइन हाजिर कर मामले की जांच एसीपी बाबूपुरवा को सौंपी है।