कानपुर देहात: गहरी दोस्ती पर 15 हजार रुपये भारी पड़ गए। पहले उधार देकर मदद की जब दोस्त नहीं लौटा पाया तो उसे बहाने से ले जाकर शराब पिलाने के बाद हत्या कर दी। ये घटना छह साल पहले मूसानगर के कछगांव में हुई थी। कोर्ट ने सोमवार को दो आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारवास की सजा सुनाई है। कछगांव के शिव नारायन सिंह ने बताया कि उसके भाई अरविंद की दोस्ती गांव के भूरे सिंह उर्फ जयकुमार के साथ थी। भूरे ने अरविंद को 15 हजार रुपये रुपये उधार दिए थे लेकिन अरविंद उसे लौटा नहीं पाया। इस बात की रंजिश भूरे के मन में थी।
योजना बनाकर 13 नवंबर 2016 को अरविंद के साथ भूरे और मुन्नू उर्फ रामचंद्र लवर्सी गांव गए। रात में वापस आने के दौरान रास्ते में शराब पी। इसके बाद अरविंद की हत्या कर शव खेत में फेंक दिया। 14 नवंबर की सुबह घटना की जानकारी होने पर शिवनरायन ने भूरे और मुन्नू समेत तीन लोगों पर हत्या की रिपोर्ट मूसानगर दर्ज कराई थी।
अभियोजन ने कोर्ट के समक्ष रखे मजबूत साक्ष्य
मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सोनिका चौधरी की कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट ने घटना में नामजद अब्दुल हमीद को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया, जबकि मुन्नू और भूरे को आजीवन करावास की सजा सुनाई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता डॉ. विजय सिंह ने बताया कि मामूली बात पर युवक की हत्या कर दी गई थी। बचाव पक्ष ने अभियुक्तों के गरीब और वृद्ध होने के साथ तमाम दलीलें कोर्ट के समझ रखीं, लेकिन ये घटना जघन्य होने के चलते आरोपियों को कठोर सजा दिए जाने मांग की गई। साथ ही घटना से संबंधित मजबूत साक्ष्य उपलब्ध कराए गए। कोर्ट ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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